उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दो टूक चेतावनी दी है कि बिजली अब महज सेवा नहीं, बल्कि आम जनता की जरूरत और विश्वास का विषय बन चुकी है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अब ट्रिपिंग, ओवरबिलिंग और बिना कारण बिजली कटौती किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
🔍 बैठक के मुख्य बिंदु:
⚡ रिकॉर्ड मांग के बावजूद निर्बाध आपूर्ति
- जून 2025 में रिकॉर्ड 31,486 मेगावाट की बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की गई।
- कुल 16,930 मिलियन यूनिट बिजली की आपूर्ति की गई।
- औसतन बिजली आपूर्ति:
- शहरी क्षेत्रों में: 24 घंटे
- तहसील स्तर पर: 21.5 घंटे
- ग्रामीण क्षेत्रों में: 18 घंटे
⚠️ CM योगी के निर्देश:
🚫 ट्रिपिंग और फॉल्स बिलिंग पर सख्त रुख
- ट्रिपिंग की शिकायतों पर गहरी नाराज़गी जताई।
- हर फीडर की तकनीकी जांच का आदेश।
- कमजोर पॉइंट्स की पहचान कर तत्काल सुधार।
- फॉल्स या ओवरबिलिंग न हो, हर उपभोक्ता को समय पर सटीक बिल मिले।
🔌 इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार के निर्देश
- ट्रांसफॉर्मर की क्षमता जरूरत के हिसाब से बढ़ाई जाए।
- जहां आवश्यकता हो, वहां पारेषण और वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण किया जाए।
- लाइन लॉस (Technical & Commercial losses) को चरणबद्ध तरीके से कम करने का लक्ष्य तय।
📲 स्मार्ट मीटरिंग का विस्तार
- अब तक 31 लाख उपभोक्ता स्मार्ट मीटर से जुड़े।
- ब्लॉक स्तर तक स्मार्ट मीटरिंग का निर्देश।
🔋 बिजली उत्पादन क्षमता में इजाफा
- वर्तमान कुल उत्पादन क्षमता: 11,595 मेगावाट
- आने वाले दो वर्षों में: 16,000 मेगावाट से अधिक
- प्रमुख योजनाएं: घाटमपुर, खुर्जा, पनकी और मेजा
🚜 कृषि क्षेत्र को प्राथमिकता
- कृषि फीडरों का पृथक्करण तेज किया जाए।
- सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने का आदेश।
- PM कुसुम योजना के माध्यम से किसानों को सशक्त बनाना।
🧾 प्रशासनिक जिम्मेदारी और जवाबदेही
- CM योगी ने कहा:
“सरकार ने संसाधन और बजट में कोई कमी नहीं रखी है। अब लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।“
- सभी डिस्कॉम से स्पष्ट जवाबदेही तय करने को कहा गया।
🧠 CM का विज़न स्टेटमेंट
“बिजली व्यवस्था केवल ट्रांसफॉर्मर और तार नहीं है, यह जनता की उम्मीदों और शासन की जवाबदेही का आईना है। हमारा कर्तव्य है कि हर नागरिक को निष्पक्ष, पारदर्शी और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति मिले।“
✅ निष्कर्ष:
CM योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि बिजली विभाग अब ‘No Compromise’ Mode में काम करेगा।
बिजली आपूर्ति, बिलिंग और तकनीकी सुधार पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति अब पूरी तरह लागू है। आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को बेहतर, सटीक और पारदर्शी सेवा का अनुभव होगा।