भोपाल – नगरीय क्षेत्रों में हो रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे ने स्पष्ट किया कि जो भी ठेकेदार कार्यों में लापरवाही, फर्जी दस्तावेजों का उपयोग या गुणवत्ता से समझौता करते पाए गए हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
📌 ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियां:
विभाग द्वारा परीक्षण के बाद आठ ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया गया है। ये कंपनियां अब किसी भी आगामी सरकारी निविदा प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकेंगी।
🔻 सूची इस प्रकार है:
- मेसर्स यादव ट्रेडर्स – खरगौन
- मेसर्स हेमन्त जैन एंड एसोसिएट्स – इंदौर
- मेसर्स कार्तिक इंटरप्राइजेस – इंदौर
- मेसर्स शिवम कंस्ट्रक्शन – शिवपुरी
- मेसर्स विक्की कुमार तुरकोलिया – चंपारण, बिहार
- मेसर्स यशोदा मार्केटिंग – पटना, बिहार
- मेसर्स के.एल.डी. क्रिएशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा. लि. – कानपुर, उत्तर प्रदेश
- मेसर्स पौराणिक ट्रेडर्स – नागौद
🛑 अन्य ठेकेदारों पर भी नजर:
- अमृत 2.0 योजना के तहत 44 निविदाकारों ने स्वीकृति के बाद अनुबंध प्रक्रिया पूरी नहीं की।
- इनके विरुद्ध सस्पेंशन और ब्लैकलिस्टिंग की प्रक्रिया पर विचार किया जा रहा है।
🎯 कार्रवाई का उद्देश्य:
आयुक्त संकेत भोंडवे ने कहा:
“यह कदम विभाग के लिए एक मिशन मोड में उठाया गया है ताकि नगरीय विकास कार्यों में पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। निर्माण कार्यों की धीमी गति और घटिया निर्माण को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि अन्य ठेकेदारों के कार्य परीक्षण और दस्तावेजों की जांच जारी है और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
✅ निष्कर्ष:
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम साफ संकेत देता है कि अब सरकारी ठेकों में पारदर्शिता और गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। यह कार्रवाई आने वाले समय में ईमानदार और दक्ष ठेकेदारों को प्रोत्साहित करने में मददगार साबित होगी।
📣 जनता और पारदर्शिता के हित में लिया गया यह निर्णय नगरीय विकास की दिशा में एक सकारात्मक और सशक्त कदम है।