चंदौली (पीडीडीयू नगर): गुरुवार शाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब उपासना एक्सप्रेस में मौजूद जीआरपी और आरपीएफ की टीम ने ट्रेन के एक जनरल कोच से पांच लावारिस बैग बरामद किए। जब इन बैगों को खोला गया तो सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं — बैगों से निकले 99 ज़िंदा कछुए!
🐢 कहां से आए थे ये कछुए?
जीआरपी निरीक्षक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि शुरुआती जांच में ऐसा लग रहा है कि तस्कर इन कछुओं को देहरादून से बंगाल ले जा रहे थे, लेकिन किसी कारणवश वे बीच रास्ते में ही बैग छोड़कर फरार हो गए।
जब ट्रेन प्लेटफॉर्म पर रुकी थी, तभी संयुक्त जांच टीम को जनरल कोच में एक सीट के नीचे पांच संदिग्ध बैग दिखे। जब यात्रियों से पूछताछ की गई तो किसी ने भी उन बैगों पर अपना दावा नहीं किया। शक गहराते ही बैग खोले गए — और उनमें से निकले सैकड़ों किलो वजनी 99 जिंदा कछुए।
🌿 अब वन विभाग करेगा आगे की कार्रवाई
जीआरपी और आरपीएफ ने इन सभी कछुओं को वन विभाग को सौंप दिया है, ताकि उनकी संरक्षा और जांच की जा सके। कछुओं की प्रजातियों के बारे में फिलहाल जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इनमें कई दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियां भी शामिल हो सकती हैं।
🚨 अब तक कोई तस्कर पकड़ा नहीं गया
इस तस्करी के पीछे कौन लोग हैं, अभी तक इसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। आरपीएफ निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत के मुताबिक जांच जारी है और रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है।
टीम इस बात का भी पता लगा रही है कि क्या ये कोई बड़ा तस्करी नेटवर्क है, जो ट्रेन के ज़रिए जानवरों की तस्करी करता है।
🐢 क्यों की जाती है कछुओं की तस्करी?
भारत में कछुए अक्सर पेट के मांस, पारंपरिक दवाओं और विदेशी पालतू जानवर के रूप में बेचे जाते हैं। इनकी अंतरराष्ट्रीय मांग बहुत ज़्यादा है, और यही वजह है कि तस्कर लगातार नए-नए रास्ते तलाशते रहते हैं।
हालांकि भारत में कछुओं का शिकार और तस्करी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त अपराध है।
📢 पुलिस ने मांगी जनता से मदद
अगर किसी ने इन बैगों से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि देखी हो या किसी पर शक हो, तो पुलिस ने अनुरोध किया है कि वे तुरंत जानकारी साझा करें। इससे इस गिरोह तक पहुंचने में मदद मिल सकेगी।
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