हमारे टेलीग्राम चैनल से जुड़ें
Join Now
थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लेह दौरे के दौरान उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने और भविष्य के लिए तैयार रहने वाली सेना के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि निरंतर विकास और तकनीकी आधुनिकीकरण के बिना सेना आधुनिक युद्धक्षेत्र की चुनौतियों का सामना नहीं कर सकती।
दौरे के मुख्य बिंदु:
- फायर एंड फ्यूरी कोर मुख्यालय और सियाचिन ब्रिगेड का निरीक्षण: सेना प्रमुख ने यहाँ की परिचालन तैयारियों का बारीकी से जायजा लिया।
- सैनिकों की प्रशंसा: सबसे कठिन परिस्थितियों में सैनिकों की व्यावसायिकता और अनुकरणीय सेवा के लिए उन्होंने उनकी सराहना की।
- सियाचिन ग्लेशियर की अग्रिम चौकी का दौरा: जनरल द्विवेदी ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में सैनिकों से मुलाकात कर उनके उत्साह और प्रतिबद्धता को जाना।
- 18 जम्मू-कश्मीर राइफल्स से संवाद: जिस बटालियन में वे स्वयं कमीशन प्राप्त कर चुके थे, वहां सैनिकों से बातचीत की।
- तकनीकी नवाचारों को अपनाने का संदेश: सेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की सेना उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाकर ही मजबूत और सक्षम बन सकती है।
निष्कर्ष:
जनरल उपेंद्र द्विवेदी का यह दौरा सैनिकों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ सेना को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत संदेश है। उन्होंने युद्धक्षेत्र की बदलती परिस्थितियों में सेना को सतत् नवाचार और विकास की दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
#IndianArmy #TechnologyInArmy #LehVisit #Siachen #COAS #DefenseUpdates