चंदौली।
आम आदमी पार्टी (AAP) की यूपी इकाई में अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आ चुकी है। बुधवार को चंदौली जिले में पार्टी के दर्जनों कार्यकर्ताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। इन कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व और खासकर राज्यसभा सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
कार्यकर्ताओं ने क्या कहा?
जिले के प्रभुपुर गांव स्थित एक विद्यालय परिसर में आयोजित AAP की जिला स्तरीय बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा और नेताओं के मनमाने रवैये के खिलाफ जमकर नाराजगी जाहिर की।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि
“हम सिर्फ भीड़ इकट्ठा करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। चुनाव या रैली के वक्त याद किया जाता है, लेकिन उसके बाद कोई सुनवाई नहीं होती।”
संजय सिंह पर लगाए गए गंभीर आरोप
बैठक के दौरान वक्ताओं ने यूपी प्रभारी संजय सिंह पर आरोप लगाया कि वे
- कार्यकर्ताओं के सुख-दुख से कोई सरोकार नहीं रखते
- संगठन में अकेले ही फैसले लेते हैं
- जब चाहें किसी को पद से हटा देते हैं, जब चाहें किसी को नियुक्त कर देते हैं
- नीचे स्तर के कार्यकर्ताओं की सुझावों और शिकायतों को कभी महत्व नहीं देते
“पार्टी अब सिर्फ नेताओं की हो गई है, कार्यकर्ता बेबस”
कार्यकर्ताओं ने कहा कि पार्टी अपने मूल “मिशन और विजन” से भटक गई है। अब केवल ऊपर के नेता ‘हुक्मरान’ की तरह काम कर रहे हैं जबकि ज़मीनी कार्यकर्ताओं को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया गया है।
चंदौली से शुरू, अब बारी पड़ोसी जिलों की!
बैठक में यह भी दावा किया गया कि चंदौली के बाद अब पार्टी के पड़ोसी जिलों में भी इस्तीफा देने की तैयारी चल रही है। कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि नेतृत्व ने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया, तो पूर्वांचल में पार्टी की जड़ें कमजोर हो जाएंगी।
किन कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी?
इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं:
पंकज सिंह, शैलेश सिंह, अतुल तिवारी, अरुण त्रिपाठी, बलवंत यादव, जगजीवन राम, शिवमूर्ति प्रसाद, बबलू खरवार, अभय तिवारी, राकेश यादव, लाल बहादुर यादव, चौथी सोनकर, शिवपूजन राम, शेरू यादव, विकास यादव, विद्यापति मिश्रा सहित 30 से अधिक कार्यकर्ता।
👉 निष्कर्ष:
चंदौली में AAP को लगा यह सामूहिक झटका पार्टी के लिए बड़ा अलार्म हो सकता है। स्थानीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी और नेतृत्व से बढ़ती दूरी, पार्टी की यूपी में पकड़ को कमजोर कर सकती है।
अब देखना यह होगा कि क्या आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता इस पर ध्यान देते हैं या यह बगावत दूसरे जिलों तक फैलती है।
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