गाजीपुर:
मोक्ष देने वाली मां गंगा अब रौद्र रूप में नजर आ रही हैं। बीते कुछ दिनों में जलस्तर में अचानक जबरदस्त उछाल आया है, जिसने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। 3 अगस्त को दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 64.040 मीटर तक पहुंच गया — यानी खतरे के निशान (63.105 मीटर) को काफी पीछे छोड़ दिया।
आपदा विशेषज्ञ अशोक कुमार राय के मुताबिक, हर घंटे जलस्तर दो सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। अगर यही हाल रहा, तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
गंगा के बढ़ते पानी ने गाजीपुर जिले के सैदपुर, करंडा, सदर, जमानियां, भदौरा, रेवतीपुर, मुहम्मदाबाद और भांवरकोल ब्लॉकों के सैकड़ों गांवों को चपेट में ले लिया है। हालात ऐसे हैं कि गांवों को जोड़ने वाले ज़्यादातर संपर्क मार्ग अब बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं, जिससे लोगों का बाहर आना-जाना मुश्किल हो गया है।
प्रशासन एक्शन में, नावों से हो रहा आवागमन
हालात को काबू में रखने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है। जहां सड़कें बंद हो चुकी हैं, वहां अब नावों के जरिए लोगों को आने-जाने में मदद दी जा रही है। बाढ़ प्रभावित गांवों में लगातार निगरानी रखी जा रही है और राजस्व विभाग के अधिकारी हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
विधायक मन्नू अंसारी का दौरा, प्रभावित गांवों की लिस्ट जारी
रेवतीपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक मन्नू अंसारी ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र के हसनपुरा, नगदिलपुर, वीऊपुर, नसीरपुर, भांवरकोल ब्लॉक के फिरोजपुर, जगतपुर, कठार, शेरपुर, सेमरा, चौरासी-पचासी, धर्मपुरा, और मुहम्मदाबाद के नगवा, नवापुरा, हरिबल्लमपुर गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं।
विधायक ने कहा, “हम लगातार बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर रहे हैं और पीड़ित लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है।”
फिलहाल गाजीपुर में गंगा की इस तेज रफ्तार ने प्रशासन, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों – सभी को अलर्ट कर दिया है। मौसम और जलस्तर पर नजर बनाए रखना अब ज़रूरी हो गया है, क्योंकि मां गंगा कब और कितना विकराल रूप ले लें, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल होता जा रहा है।